हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को कहा कि ‘राइट टू रिकॉल’ नियम को पहले विधायकों और सांसदों पर लागू किया जाना चाहिये और इसके बाद ही इसे पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों पर लागू किया जाए। हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा, ”राइट टू रिकॉल पहले विधायकों और सांसदों पर लागू होना चाहिये। इसके बाद ही इसे निचले स्तर पर लागू किया जाना चाहिये।”
हरियाणा विधानसभा ने शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया है, जिसके तहत अगर पंचायत राज संस्थाओं का कोई सदस्य ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है, तो उसे चुनने वालों को उसे हटाने का अधिकार होगा। हुड्डा ने इसके अलावा शुक्रवार को केन्द्र के कृषि कानूनों को पारित किये जाने के समय विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की भूमिका की भी आलोचना की।
उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मत विभाजन की अनुमति नहीं देकर विधानसभा अध्यक्ष ने लोकतंत्र का गला घोंटा है। हुड्डा ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की रक्षा को लेकर कोई कानून लेकर नहीं आती, तब तक कांग्रेस इन कानूनों का विरोध करती रहेगी।
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