OBC संशोधन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी, राज्यों को मिला आरक्षण की लिस्ट बनाने का अधिकार

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    President Ramnath kovind
    President Ramnath kovind

    राज्य अब अपने यहां की परिस्थतियों के हिसाब से अलग से पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची तैयार कर पाएंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 105वें संविधान संशोधन अधिनियम को मंजूरी दे दी है, जो राज्यों को अपने यहां सामाजिक व शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) की पहचान करने का अधिकार देता है।

    इस संशोधन को संसद में 11 अगस्त को सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के सामने पेश किया गया था। राष्ट्रपति से 18 अगस्त को मंजूरी मिलने के बाद विधि व न्याय मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

    सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद विधेयक पेश
    बता दें, सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद यह बिल संसद में पेश किया गया था। मई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इस पर आपत्ति जाहिर की गई थी, इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप दिया था।

    यह होगा असर
    संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन और राष्ट्रपति की मुहर के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरतों के मुताबिक, जातियों को अधिसूचित करने की शक्ति मिलेगी। इससे  महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है। ये तमाम जातियां लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही हैं, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इन मांगों पर रोक लगाता रहा है।