शहीद दिवस: प्रधानमंत्री मोदी ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेख को किया नमन, आज शाम करेंगे ‘क्रांति गैलरी’ का उद्घाटन

    164
    pm modi

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश के लिए मर मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा. पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘शहीद दिवस पर भारत माता के अमर सपूत वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कोटि-कोटि नमन. मातृभूमि के लिए मर मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा. जय हिंद!’ शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में विप्लवी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे.

    गौरतलब है कि कोलकाता स्थित ओल्ड करेंसी बिल्डिंग, बेलवेडियर हाउस और मेटकाफ हाउस व विक्टोरिया मेमोरियल हाल के कुछ हिस्सों के जीर्णोद्धार के बाद पीएम मोदी ने उन्हें 11 जनवरी 2020 को राष्ट्र को समर्पित किया था. उस दौरान उन्होंने विक्टोरिया मेमोरियल हाल की पांच गैलरियों में से तीन के बंद होने पर चिंता जाहिर करते हुए सुझाव दिया था कि वहां कुछ जगह स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए भी होनी चाहिए और इसे ‘बिप्लवी भारत’ नाम दिया जाना चाहिए.

    क्‍याें मनाया जाता है शहीद द‍िवस
    आज से करीब 90 साल पहले भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई. इसी दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव था और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया. इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है.

    देश के युवाओं को मिली आजादी के ल‍िए लड़ने की प्रेरणा
    भगत सिंह ने 23 साल की युवा उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. गौरतलब है कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था. इसलिए, उनकी शहादत को नमन करने लिए 23 मार्च को ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.