Terror Module: महाराष्‍ट्र ATS-मुंबई पुलिस ने नागपाड़ा से संदिग्ध आतंकी को किया गिरफ्तार, हाल ही में पकड़े गए आतंकियों से है लिंक

    469

    महाराष्ट्र एटीएस और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में शहर के जोगेश्वरी इलाके से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. यह जानकारी महाराष्ट्र एटीएस ने जानकारी दी है.

    बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने बीते मंगलवार यानि 14 सितंबर को पाकिस्तान-संगठित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. ये आतंकवादी देश में आगामी त्योहारों के दौरान कई विस्फोट करने की योजना बना रहे थे.

    पुलिस ने कहा था कि पाकिस्तान स्थित अनीस इब्राहिम, जो दाऊद इब्राहिम का भाई है, आतंकी योजना को अंजाम देने के लिए अंडरवर्ल्ड के गुर्गों से जुड़ा था. उन्होंने कहा कि पूछताछ से पता चला है कि पाकिस्तान के आतंकी मॉड्यूल को दो घटकों अंडरवर्ल्ड और पाक-आईएसआई प्रशिक्षित आतंकी मॉड्यूल के माध्यम से संचालित किया जा रहा था.

    आरोपियों की पहचान जान मोहम्मद शेख (47) उर्फ ‘समीर’, ओसामा (22), मूलचंद (47), जीशान कमर (28), मोहम्मद अबु बकर (23) और मोहम्मद आमिर जावेद (31) के तौर पर हुई थी, जिन्हें दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया.

    वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रायोजित मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए तीन लोगों को हिरासत में ले लिया था. यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बीते 14 सितंबर को बताया, “उप्र एटीएस द्वारा एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए आईएसआई प्रायोजित मॉड्यूल को नष्ट किया गया है और तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है.” यह सफलता उस समय हासिल हुई है, जब लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों में एक साथ छापामार कार्रवाई की गई. प्रयागराज से एक सक्रिय आईईडी भी बरामद हुई है, जिसे मौके पर बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय किया.”

    पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में ओसामा और कमर पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादी हैं, जो इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के निर्देश पर काम करते थे. उन्हें आईईडी लगाने के लिए दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश में उपयुक्त स्थानों की तलाश करने का काम दिया गया था.