दिल्ली-NCR में फिर डराने लगा कोरोना, कई स्कूल बंद, डॉक्टरों ने कहा- सतर्क रहें, घबराने की जरूरत नहीं

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देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना की रफ्तार थमती दिख रही थी, वहीं इस बीच दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में छात्रों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद फिर से चिंता बढ़ने लगी है. कुछ दिनों में दिल्ली के साथ-साथ नोएडा-गाजियाबाद में कोरोना तेजी से फैल रहा है. इसमें खास बात यह है कि कोरोना वायरस स्कूलों में ऐसे समय में बढ़ रहा है जब बच्चे दो साल के बाद स्कूल जाना शुरू ही किए हैं. दिल्ली में एक हफ्ते में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.70 प्रतिशत पहुंच गई है. गाजियाबाद में जयपुरिया स्कूल में 10वीं का एक छात्र फिर आज कोरोना पॉजिटिव मिला है जिसके बाद स्कूल को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है. तीन निजी स्कूलों के 1-1 स्टूडेंट्स समेत 20 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

डॉक्टरों ने कहा-फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं
डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल घबराने की स्थिति नहीं है क्योंकि डेली केसेज अब भी कम हैं. हालांकि उन्होंने आगाह किया है कि लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सभी सुरक्षा मानदंडों का फिलहाल पालन करना चाहिए. बता दें कि पिछले सात दिनों में दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में रोज आने वाले कोविड-19 के औसत मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि देश में रोज आने वाले नए केसेज की संख्या घटकर 800 से नीचे आ गई है, जो पिछले दो साल में सबसे कम है.

डॉक्टरों का कहना है कि अभी मिल रहे कोरोना के मरीजों में संक्रमण के लक्षण मामूली हैं और अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि स्कूल फिर से खुल गए और कई बच्चे कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और इस बात की संभावना है कि संक्रमण एक से दूसरे में फैल रहा है.

दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों और यूपी में कोरोना के बढ़ रहे मामलों को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने सभी जिलों के सीएमओ को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है.

फेस मास्क पहनना जरूरी है
मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि अब कुछ हेल्प कॉल आने लगी हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों के परिवारों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. अच्छी बात यह है कि किसी भी पैरेंट्स को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है. लेकिन यह सच्चाई है कि केस बढ़ रहे हैं.

फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी की सलाहकार डॉ. ऋचा सरीन ने कहा है कि दैनिक मामलों में वृद्धि हुई है. लेकिन, मैं कहूंगी कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दैनिक मामलों की संख्या अब भी 130-150 की सीमा में है. हालांकि, सतर्क रहने और सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि मास्क नहीं लगाना कोई स्थायी फैसला नहीं है और अगर परिस्थितियां पैदा होती हैं, तो नियमों को फिर से बदला जा सकता है. डॉक्टरों ने सहमति जताई है कि टीकाकरण और ‘हर्ड इम्यूनिटी’ ने लोगों को निश्चित रूप से सुरक्षा कवच प्रदान किया है.

बता दें कि महाराष्ट्र और दिल्ली में मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. अब लोग बिना टेंशन बाजारों में बिना मास्क के निकल रहे हैं. अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ आंतरिक चिकित्सा सलाहकार डॉ. सुरनजीत चटर्जी का कहना है कि मास्क कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय है. लेकिन इससे मामले और बढ़ सकते हैं.

मनसुख मांडविया ने कहा-अभी कोरोना गया नहीं है
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोरोना वायरस का ‘एक्सई’ स्वरूप ओमीक्रोन का एक और प्रकार है और हम अभी निश्चिंत नहीं हो सकते क्योंकि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुई है इसलिए सभी को सावधानी बरतनी होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की 97 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोविड टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है और 85 प्रतिशत को दोनों खुराक लग चुकी है.