बिहार विधानमंडल मानसून सत्र 2021: हेलमेट पहनकर विधानसभा में पहुंचे RJD के विधायक, बोले- सीएम ने हमें पिटवाने के लिए बुलाए गुंडे

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बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र  सोमवार (26 जुलाई) को शुरू हुआ। इस दौरान विधानमंडल में सांकेतिक विरोध के तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक सतीश दास और मुकेश रौशन हेलमेट पहनकर सदन पहुंचे। उन्होंने अपने साथ मेडिकल किट भी ले रखा था। राजद विधायक ने कहा कि सदन में आने से डर लगता है, इसलिए उन्होंने हेलमेट पहन रखा है।

आपको बता दें कि सदन के पिछले सत्र में 23 मार्च को विधानसभा के भीतर विधायकों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सुर्खियों में रहा था। राजद सहित तमाम विपक्षी दल इसी मुद्दे को लेकर विरोध कर रहे हैं। हालांकि, बाद में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इस पर राजद विधायक सतीश कुमार ने सोमवार को कहा, ’23 मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा के अंदर गुंडों को बुलाया। पुलिसकर्मियों का निलंबन कोई सजा नहीं है।’

23 मार्च को हुई घटना के विरोध में बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का पहला ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहले दिन अध्यक्ष के भाषण और दिवगंत नेताओं की श्रद्धांजलि के तुरंत बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधायकों ने 23 मार्च को विधानसभा में हुई घटना पर नीतीश सरकार से माफी मांगने की मांग की। विपक्ष का आरोप है कि बीते 23 मार्च को सरकार के इशारे पर विरोधी दलों के विधायकों के साथ मारपीट की गई थी। 

बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 30 जुलाई तक चलेगा। इस छोटे सत्र के दौरान नीतिश सरकार की प्राथमिकता कई विधेयकों को पास कराने की होगी। साथ ही वित्तीय कार्य निपटाने के अलावा सदन में राज्यपाल द्वारा स्वीकृत आदेशों की प्रतियां रखी जाएंगी। विधानसभा में अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सदन संचालन के लिए कार्य मंत्रणा समिति का गठन करेंगे और अभ्यासी सदस्यों का मनोनयन भी किया जाएगा। 

राजद नेता नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया कि बिहार के नौकरशाह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अफसरों को खुली छूट देने के कारण बनी है। 

इससे पहले तेजस्वी ने राजद के नेतृत्व वाले पांच दलों के महागठबंधन के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस दिन शहीदे आजम भगत सिंह की शहादत को याद किया जा रहा था, उसी दिन सदन के सम्मानित सदस्य को पुलिस के बूटों से मारा गया। यहां तक कि महिला विधायकों को भी घसीटा गया। 

यादव ने यह बात 23 मार्च की घटना का जिक्र करते हुए कहा। उस दिन विपक्ष के विधायकों ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को उनके कक्ष में बंधक बना लिया था। ये विधायक बिहार में सशस्त्र पुलिस को और अधिकार संपन्न बनाने वाले विधेयक का विरोध कर रहे थे। इसके बाद सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए मार्शल व पुलिस बुलाई गई थी। पुलिस ने उत्तेजित विधायकों को उठाकर बाहर कर दिया था। इसके बाद उक्त विधेयक को विपक्ष की गैर मौजूदगी में पारित कर दिया गया था।