अमर्यादित टिप्पणी करने के जुर्म में तीन साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के निर्णय के तहत अब सपा विधायक आजमखान की रामपुर विधानसभा सदस्यता भी निरस्त कर दी गई है । यह आजमखान के राजनैतिक जीवन का सबसे बड़ा झटका है। अब वे रामपुर सीट के विधायक नहीं हैं।विधानसभा अध्यक्ष के इस निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट खाली हो गयी है।
मामला 2019 का है जिस समय लोकसभा चुनाव चल रहे थे। उस समय रामपुर के सपा विधायक मिलक में एक चुनावी सभा कर रहे थे। उन्हें सुनने के लिए भारी संख्या में भीड़ एकत्र हुई थी। उस चुनावी सभा में बोलते हुये सपा नेता आजम खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जिलाधिकारी के ऊपर अमर्यादित व्यक्तव्य दिया थे। जिसके लिए रामपुर की विशेष कोर्ट में उनके खिलाफ सुनवाई चल रही थी। जिसके निर्णय में गत दिनों उन्हें दोषी करार दिया गया और तीन साल की सजा सुनाई गयी थी। जिसमें निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी गयी थी। लेकिन रामपुर कोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधायकी जानी तय थी।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आजम खान के विधानसभा सदस्यता के रद्द करने का निर्णय का स्वागत किया है । साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भविष्य में अब जब भी रामपुर सीट के लिए उपचुनाव होंगे तो निश्चित रूप से वहां कमल का फूल खिलेगा ।