पाकिस्तान के लिए भस्मासुर बनी आतंकी संगठन, देश पर कब्जा करने की तैयारी..

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पाकिस्तान के लिए आतंकवाद की हिमायत करना और पढ़ा देना दोनों ही भारी साबित हो रहे हैं इसके लिए बनाई जाने वाली नीतियां है आज उसकी ताबूत में कील ठोकने का काम करने जा रही है हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वियना में ग्लोबल आतंकवाद पर बोलते हुए पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई थी जिसके बाद से वह तिलमिलाया हुआ है वहीं पाकिस्तान अब समझ नहीं पा रहा है कि आखिर वह करे तो क्या करें।

टीटीपी का जिहादी क्षेत्र केवल पाकिस्तान है

दरअसल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को मारने की धमकी तक दे चुका है उसने अपनी अलग-अलग कैबिनेट की घोषणा भी कर दी है तहरीक-ए-तालिबान का दावा है कि दुनिया जानती है कि टीटीपी का जिहादी क्षेत्र केवल पाकिस्तान है आज हमारा टारगेट देश पर कब्जा करने वाली सुरक्षा एजेंसियां है इसमें कहा गया है कि इतने लंबे समय से किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ कार्यवाही नहीं की है पीडीपी ने यहां तक कह दिया कि बिलावल भुट्टो जरदारी की मां के अमेरिका के साथ बहुत अच्छे संबंध थे उन्होंने टीटीपी के खिलाफ खुले तौर पर युद्ध की घोषणा की थी उन्होंने यहां तक कहा कि बिलावल साहब अभी युवा हैं लेकिन इस बेचारे ने अभी तक युद्ध की स्थिति नहीं देखी है बताते चलें कि तहरीक ए तालिबान अफगानिस्तान से बिल्कुल अलग है लेकिन विचारधारा में दोनों एक जैसे हैं साल 2007 में टीटीपी ने अपनी स्थापना के बाद से बड़ी संख्या में हम लोग का अंजाम दिया है हजारों लोगों की इन हमलों में मौत हो चुकी है.

आतंकी घटनाओं में 51 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होना बताया

फ़िलहाल पाकिस्तान में 2022 में आतंकी घटनाओं में 51 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होना बताया गया है इस्लामाबाद के थिंक टैंक का भी मानना है कि टीटीपी पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है माना जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ISI ने ही टीटीपी को पैदा करने में अहम भूमिका निभाई है अब जब टीटीपी और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता विफल हो गया तो उसने युद्ध की घोषणा कर दी.