राजनीति

असदुद्दीन ओवैसी का लव-जिहाद को लेकर बयान – कहा- संविधान में कहीं भी इसकी कोई परिभाषा नहीं

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि संविधान में कहीं भी लव-जिहाद की कोई परिभाषा नहीं है। भाजपा शासित राज्य लव जिहाद कानूनों के माध्यम से संविधान का मजाक बना रहे हैं। उन्होनें कहा कि यदि भाजपा शासित राज्य कानून बनाना चाहते हैं, तो उन्हें एमएसपी के लिए कानून बनाना चाहिए और रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए। लव जिहाद पर ओवैसी ने कहा कि न्यायालयों ने दोहराया है कि भारत के संविधान के तहत अनुच्छेद 21, 14 और 25 के तहत किसी भी भारतीय नागरिक के व्यक्तिगत जीवन में किसी भी सरकार की कोई भूमिका नहीं है… भाजपा स्पष्ट रूप से संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने में लिप्त है।

उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनने जा रहा है। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दे दी है और अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए आगे भेज दिया गया है। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार सुबह धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को अपनी मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिल चुकी है और वहां पर नया कानून बनने के बाद लव जिहाद के कुछ मामलों में कार्रवाई भी की गई है। इस कानून में शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा, “धर्मांतरण अवैध है और बड़े पैमाने पर मध्य प्रदेश में लोग इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त हैं, यह बर्दास्त नहीं किया जा सकता, अपना धर्म छिपाकर अथवा झूठा अभिनय करके गलत व्याख्या करके अधिनियम विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया है। अधिनियम के तहत प्रावधान है कि 2 या 2 से ज्यादा व्यक्तियों का एक समय पर सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने पर न्यूनतम 5 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष कारावास और न्यूनतम 1 लाख रुपे अर्थ दंड की सजा है।”

मुख्यमंत्री ने बताया, “जिस व्यक्ति का धर्म अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध किया गया है उसके माता पिता भाई बहन पुलिस में शिकायत कर सकेंगे। अपराध को गैर जमानती किया गया है और सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय अधीकृत होंगे। यह अध्यादेश कैबिनेट के माध्यम से पारित करके आज हमारे महामहिम राज्यपाल को महोदया को भेजा गया है।”

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश में लव जिहाद को लेकर धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश को 27 नवंबर को यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी। इस कानून के बाद उत्तर प्रदेश के बिजनौर, शाहजहांपुर, बरेली, मुजफ्फरनगर, मऊ, सीतापुर, हरदोई, एटा, कन्नौज, आजमगढ़ और मुरादाबाद जिलों में केस रजिस्टर किए जा चुके हैं।

Ekta Singh

Ekta Singh covers Political, Entertainment and Sports News. She believes that it is a writer’s responsibility to make sure that the readers get valuable news and hence it is imperative that the words should be written in a manner that it should be easily understood by all.

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