Current Updates :

NEET-UG पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट का बयान: लीक सीमित था केवल पटना और हजारीबाग तक

  • 0
  • 355
NEET-UG पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट का बयान: लीक सीमित था केवल पटना और हजारीबाग तक

नीट यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण और सटीक टिप्पणी की। अदालत ने इस बात की पुष्टि की है कि पेपर लीक की घटना व्यापक स्तर पर नहीं फैली और यह केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित रही। इस निर्णय ने उन चिंताओं को कुछ हद तक शांत किया है जो परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर उठ रही थीं। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सहायक होंगे।

 

पेपर लीक का दायरा और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी :

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नीट यूजी पेपर लीक की घटना देशभर में बड़े पैमाने पर नहीं हुई। यह घटना केवल पटना और हजारीबाग के दो क्षेत्रों में सीमित थी, और इससे परीक्षा के व्यापक निष्पक्षता पर बड़ा असर नहीं पड़ा है। अदालत ने यह भी कहा कि यह घटना बड़े पैमाने पर प्रभावित नहीं करती और परीक्षा की अखंडता को संपूर्ण रूप से चुनौती नहीं देती। यह निर्णय उन लाखों छात्रों और उनके परिवारों के लिए राहत की खबर है, जिन्होंने इस घटना को लेकर चिंता और असुरक्षा का सामना किया है।

 

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश :

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। ये दिशा-निर्देश निम्नलिखित हैं:

साइबर सुरक्षा में सुधार: अदालत ने केंद्र द्वारा गठित समिति को परीक्षा प्रणाली की साइबर सुरक्षा में संभावित कमजोरियों की पहचान करने और उन्हें सुधारने का निर्देश दिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि परीक्षा प्रणाली में कोई तकनीकी खामी न हो, जो पेपर लीक जैसी घटनाओं को जन्म दे सके।

सीसीटीवी निगरानी का विस्तार: कोर्ट ने परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी को लेकर तकनीकी प्रगति करने का सुझाव दिया है। इसका उद्देश्य यह है कि सभी परीक्षा केंद्रों पर पूरी निगरानी रखी जा सके, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी को तुरंत पकड़ा जा सके और रोका जा सके।

नई मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs): सुप्रीम कोर्ट ने नई मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) तैयार करने के लिए समिति को निर्देशित किया है। इन SOPs का उद्देश्य परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है। इन प्रक्रियाओं में परीक्षा केंद्रों पर निगरानी, पेपर ले जाने की प्रक्रिया, और अन्य सुरक्षा उपाय शामिल होंगे।

 

समिति का गठन और रिपोर्ट :

सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष समिति का गठन किया है, जिसे इस मुद्दे पर विस्तार से जांच करने और अगले दो महीनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। समिति को पेपर लीक की घटनाओं के सभी पहलुओं की जांच करने, संबंधित प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करने, और सुधारात्मक सुझाव देने का कार्य सौंपा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए और भी सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।

 

कोर्ट की टिप्पणी और भविष्य के कदम :

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पेपर लीक की घटनाएं सीमित दायरे की थीं और इसके परिणामस्वरूप परीक्षा की अखंडता पर बड़ा असर नहीं पड़ा है। अदालत ने इस दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात की है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और अखंडता को बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और परीक्षा की निष्पक्षता को कायम रखा जा सके। अदालत के दिशा-निर्देश और समिति की रिपोर्ट इस मामले की गहराई से जांच करने और सुधारात्मक उपायों को लागू करने में सहायक होंगे।

इस निर्णय के बाद, केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों को परीक्षा प्रणाली में सुरक्षा सुधार पर काम करने और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी छात्रों को निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा का अवसर मिले, और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी को तुरंत पकड़ा जा सके।

Prev Post हिमाचल में बादल फटने से 4 की मौत, 49 लापता; केरल में बाढ़ से 308 लोगों की मौत, 200 शव बरामद, हेलीकॉप्टरों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
Next Post Bigg Boss OTT 3 Finale: आज रात का ग्रैंड फिनाले, जानें हर अपडेट और विश्लेषण
Related Posts
Commnets ( 0 )
Leave A Comment