संभल हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल चंदौसी कोर्ट या निचली अदालत कोई एक्शन नहीं लेगी। साथ ही ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय (HC) की अनुमति के बिना मामले में आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। ट्रायल कोर्ट को 8 जनवरी तक किसी भी कार्रवाई से रोक दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया शांति बनाए रखने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि क्षेत्र में शांति और सद्भाव सुनिश्चित किया जाए। CJI ने कहा कि अदालत इस मामले को लंबित रखेगी और जिलों में मध्यस्थता समितियां बनाने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा, “हम पूरी तरह से तटस्थ रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कुछ भी अप्रिय न हो।”
मुस्लिम पक्ष ने उठाए कई मुकदमों पर सवाल
मुस्लिम पक्ष ने देशभर में इस तरह के कई मुकदमों पर सवाल खड़े किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट पर अलग सुनवाई चल रही है और इस मामले को उसी संदर्भ में देखा जाएगा।
अदालती फैसले का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
संभल हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से जहां क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, वहीं यह मामला राजनीतिक और सामाजिक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है। अदालत का आदेश साफ तौर पर सियासी बयानबाजी पर रोक लगाने और शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह मामला अब जनवरी में फिर सुर्खियों में रहेगा, जब इस पर अगली सुनवाई होगी।