अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' के निर्माता वासु भगनानी इन दिनों सुर्खियों में हैं। अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी इस फिल्म को इस साल ईद के मौके पर रिलीज किया गया था। फिल्म की रिलीज के दौरान इसके लिए मेकर्स ने लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसकी कमाई उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही।
हाल ही में, वासु भगनानी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने कुछ लोगों की पेमेंट समय पर नहीं की। अब, भगनानी ने नेटफ्लिक्स पर 47.37 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि नेटफ्लिक्स इंडिया ने उनकी तीन हालिया रिलीज फिल्मों के अधिकारों के नाम पर उनसे पैसे नहीं दिए।
नेटफ्लिक्स के खिलाफ शिकायत
वासु भगनानी का कहना है कि नेटफ्लिक्स ने उनकी फिल्मों 'हीरो नंबर 1', 'मिशन रानीगंज' और 'बड़े मियां छोटे मियां' के अधिकारों के लिए पैसे नहीं चुकाए हैं। उन्होंने लॉस गैटोस प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया प्रोडक्शन के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की है, जो नेटफ्लिक्स के साथ उनके काम को नियंत्रित करता है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वासु भगनानी ने ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) से भी मदद मांगी है। ईओडब्ल्यू अब इस मामले की जांच कर रहा है और प्रोडक्शन सर्विस फर्म को समन भेजा गया है।
नेटफ्लिक्स का जवाब
नेटफ्लिक्स ने वासु भगनानी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनके ऊपर किसी भी तरह का बकाया नहीं है। कंपनी ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया, "ये दावे पूरी तरह बेबुनियाद हैं। पूजा एंटरटेनमेंट को नेटफ्लिक्स को पैसे देने की आवश्यकता है।"
कंपनी ने यह भी कहा कि भारतीय क्रिएटिव कम्युनिटी के साथ उनका संबंध हमेशा अच्छा रहा है और वे इस मामले को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं।
'बड़े मियां छोटे मियां' की स्थिति
इस विवाद के बीच, अली अब्बास जफर ने भी इस फिल्म से संबंधित मुद्दों को लेकर डायरेक्टर एसोसिएशन में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि उन्हें फिल्म की पूरी फीस नहीं मिली है, जिससे उनके और वासु भगनानी के बीच तनाव बढ़ गया है।
फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ती चुनौतियां
फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह के विवादों का होना नया नहीं है। निर्माता और स्टूडियो के बीच फंडिंग और पेमेंट के मुद्दे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हालांकि, इस मामले में वासु भगनानी ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए नेटफ्लिक्स जैसी बड़ी कंपनी पर ठगी का आरोप लगाया है।
यहां यह ध्यान देने योग्य है कि भारत में फिल्म निर्माण और वितरण में कई चरण होते हैं, और अगर किसी भी चरण में वित्तीय अनियमितता होती है, तो इससे सभी पक्षों के लिए नुकसान हो सकता है।
भविष्य में क्या होगा?
वासु भगनानी और नेटफ्लिक्स के बीच चल रहा यह विवाद अब न्यायालय तक पहुंच सकता है। अगर ईओडब्ल्यू इस मामले में गंभीरता से जांच करती है, तो इससे फिल्म उद्योग में और भी हलचल पैदा हो सकती है।
उम्मीद की जा रही है कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा, लेकिन इस तरह के विवादों से फिल्म उद्योग की छवि पर असर पड़ सकता है। वासु भगनानी के इस आरोप ने निश्चित रूप से फिल्म निर्माताओं और वितरकों के बीच विश्वास की एक नई बहस छेड़ दी है।
इस विवाद के आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन वासु भगनानी की कोशिशें यह दर्शाती हैं कि वह अपने अधिकारों के लिए खड़े हैं और किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करने वाले हैं।
इस मामले ने फिल्म इंडस्ट्री में चल रही वित्तीय अनियमितताओं पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है। वासु भगनानी और नेटफ्लिक्स के बीच यह विवाद उन चुनौतियों को उजागर करता है जिनका सामना फिल्म निर्माता अक्सर करते हैं। इसे देखते हुए, यह आवश्यक है कि फिल्म उद्योग में सभी पक्ष पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम करें, ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सके।
इससे यह भी स्पष्ट होता है कि जब बड़े निर्माता और वितरक एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होते हैं, तो उनकी साख और फिल्म उद्योग की साख भी दांव पर लग जाती है। अब देखना होगा कि इस विवाद का क्या समाधान निकाला जाता है और फिल्म इंडस्ट्री इस परिस्थिति से कैसे बाहर निकलती है।