लखनऊ: मंकीपॉक्स को लेकर उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भारत में मंकीपॉक्स की संभावनाओं को लेकर जताई गई आशंका के बाद, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे संभावित मामलों की जांच करें और संदिग्ध मरीजों की तुरंत रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजें।
मंकीपॉक्स का वैश्विक प्रसार
मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप सबसे पहले अफ्रीकी देशों में देखा गया था, जहां इसकी संख्या लगातार बढ़ती गई। दक्षिण अफ्रीका, केन्या, रवांडा, युगांडा, कांगो, नाइजीरिया जैसे कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। इसके बाद, स्वीडन, पाकिस्तान, फिलीपींस और थाईलैंड में भी संदिग्ध मामलों के रिपोर्ट किए जाने के बाद, भारत में भी इसके फैलने की आशंका जताई जा रही है। WHO ने यह चेतावनी दी है कि भारत में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आ सकते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सतर्कता बरती जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
स्वास्थ्य विभाग ने सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों, और सीमा चौकियों पर विशेष स्वास्थ्य डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। यहां अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की विशेष निगरानी की जाएगी, विशेषकर उन यात्रियों की जो बुखार, अत्याधिक कमजोरी, या अज्ञात कारणों से होने वाले त्वचा पर दानों जैसे लक्षणों से ग्रस्त हैं। नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों में भी विशेष निगरानी की जा रही है, क्योंकि वहां से संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक है।
मंकीपॉक्स के लक्षण और रोकथाम
मंकीपॉक्स के लक्षणों में मुख्यतः शरीर पर दाने, बुखार, और लसिका ग्रंथियों में सूजन शामिल हैं। ये लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक बने रह सकते हैं। मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गई वस्तुओं, जैसे कपड़े, बिस्तर, तौलिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सतहों पर भी कुछ समय तक जीवित रह सकता है। इसलिए, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी वस्तुओं की विशेष रूप से सफाई की जानी चाहिए और उनके उपयोग से बचना चाहिए।
कोविड-19 के अनुभव से सबक
मंकीपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कोविड-19 महामारी से सीखे गए सबकों का भी उपयोग किया जा रहा है। कोविड की तरह ही, मंकीपॉक्स के संक्रमण को रोकने के लिए भी व्यापक स्तर पर जांच और निगरानी की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया है कि लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए और अपने स्वास्थ्य की नियमित रूप से जांच करानी चाहिए।
संक्रमण से बचाव के उपाय
मंकीपॉक्स से बचने के लिए कुछ सामान्य सुरक्षा उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- स्वच्छता बनाए रखें: नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- सामाजिक दूरी बनाए रखें: भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें और सामाजिक दूरी का पालन करें।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें: अगर आप बुखार, दाने, या कमजोरी जैसे लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करें: सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।
सरकारी प्रयास और जनता की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए पूरी तत्परता दिखाई है, लेकिन यह जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है। जनता को भी सतर्क रहना होगा और स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों का पालन करना होगा। मंकीपॉक्स के खिलाफ लड़ाई में सभी का सहयोग आवश्यक है।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मंकीपॉक्स से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर और स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध होंगे। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी संदिग्ध लक्षण के बारे में तुरंत जानकारी दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।
मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के साथ-साथ जनता की जागरूकता और सहयोग इस संक्रमण को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सभी को मिलकर इस बीमारी से लड़ना होगा और अपने प्रदेश और देश को सुरक्षित रखना होगा।