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CM Yogi का मिशन: शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए टीकाकरण अभियान

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CM Yogi का मिशन: शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए टीकाकरण अभियान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में नवजात और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके तहत सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है नियमित टीकाकरण अभियान, जिसे प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नवजात शिशु और गर्भवती महिला को आवश्यक टीके समय पर मिलें, ताकि उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।

टीकाकरण अभियान: एक संक्षिप्त विवरण

टीकाकरण अभियान के तहत, पिछले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने 77,51,600 सत्र आयोजित किए हैं। इन सत्रों में 1,61,61,882 शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण किया गया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि प्रदेश में नवजात और शिशु मृत्यु दर में पिछले सात वर्षों में काफी कमी आई है।

सरकार का ध्यान विशेष रूप से उन बीमारियों पर है, जो नवजात और छोटे बच्चों के लिए घातक हो सकती हैं। इन बीमारियों में पोलियो, नवजात टिटनेस, खसरा, रूबेला, टीबी, और अन्य गंभीर बीमारियां शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनिश्चित किया है कि जीरो से 16 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो।

यूविन पोर्टल का लॉन्च

टीकाकरण अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने समय-समय पर तकनीकी नवाचार भी किए हैं। 13 मार्च 2024 को लॉन्च किया गया यूविन पोर्टल इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पोर्टल टीकाकरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला टीकाकरण से वंचित न रहे।

वर्ष 2023-24 में टीकाकरण के आंकड़े

वर्ष 2023-24 के लिए, सरकार ने 28,00,343 टीकाकरण सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा था। इन सत्रों के माध्यम से 57,24,629 जीरो से 1 साल तक के बच्चों और 66,94,603 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाना था। अब तक 27,82,621 सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें से 56,90,886 बच्चों और 56,50,317 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है।

2022-23 के टीकाकरण के आंकड़े

वर्ष 2022-23 में, 28,40,924 सत्र आयोजित करने का लक्ष्य था, जिसमें से 28,40,705 सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। इस दौरान 56,24,809 बच्चों और 57,22,227 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। यह अभियान राज्य के हर कोने में चलाया गया ताकि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला टीकाकरण से वंचित न रहे।

वर्ष 2021-22 में टीकाकरण

वर्ष 2021-22 में, कोविड-19 महामारी के बावजूद, सरकार ने 22,65,177 टीकाकरण सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा था। इनमें से 21,28,274 सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। इस दौरान 48,86,187 शिशुओं और 49,79,529 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। हालांकि, महामारी के कारण टीकाकरण की प्रक्रिया में कुछ गिरावट आई थी, लेकिन सरकार ने तेजी से इस कमी को पूरा किया।

एमआर-1 और एमआर-2 टीकाकरण

पिछले तीन वर्षों में, उत्तर प्रदेश में 1,62,36,990 शिशुओं को एमआर-1 (मीजल्स और रूबेला) का टीका लगाया गया, जबकि 1,48,81,368 शिशुओं को एमआर-2 का टीका दिया गया। यह टीके बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं और प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

टीकाकरण के लिए खास समय सारणी

टीकाकरण के लिए जिला अस्पतालों और शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार से शनिवार तक सुबह 8 बजे से 2 बजे तक टीकाकरण किया जाता है। वहीं, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मंगलवार से रविवार तक ओपीडी में टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस विशेष समय सारणी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर समय पर पहुंचकर टीकाकरण करा सकें।

पांच साल में सात बार टीकाकरण

बच्चों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उनके जन्म से लेकर पांच साल तक सात बार टीकाकरण किया जाता है। यह प्रक्रिया बच्चों को जीवन के शुरुआती वर्षों में गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक है।

12 बीमारियों से बचाने वाले टीके

टीकाकरण के तहत बच्चों को 12 प्रमुख बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। इन बीमारियों में टीबी, हेपेटाइटिस बी, पोलियो, खसरा, रूबेला, काली खांसी, गलघोंटू, टिटेनस, रोटावायरस से होने वाला डायरिया, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, और जापानी इंसेफेलाइटिस शामिल हैं।

गर्भवती महिलाओं के टीके

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें वयस्क डिप्थीरिया और टिटेनस के दो टीके लगाए जाते हैं। एक टीका गर्भावस्था का पता लगते ही और दूसरा उसके अगले महीने लगाया जाता है। यह टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक है और यह सुनिश्चित करता है कि उनके शिशु स्वस्थ पैदा हों।

टीकाकरण में आ रही चुनौतियाँ

हालांकि सरकार ने टीकाकरण अभियान को हर संभव प्रयास के साथ आगे बढ़ाया है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी आई हैं। जैसे कि कोविड-19 महामारी के दौरान टीकाकरण की गति में थोड़ी गिरावट देखी गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तेजी से इन चुनौतियों का सामना किया और टीकाकरण अभियान को पटरी पर लाया।

सीएम योगी की पहल: टीकाकरण के महत्व को समझाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि हर बच्चे और हर गर्भवती महिला को टीकाकरण का लाभ मिले, चाहे वे शहरी क्षेत्र में हों या ग्रामीण क्षेत्र में। इसके लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कई जागरूकता अभियान भी चलाए हैं ताकि लोग टीकाकरण के महत्व को समझें और इसमें भाग लें।

सामुदायिक समर्थन

टीकाकरण अभियान की सफलता में स्थानीय समुदायों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। खाप पंचायतों, स्थानीय नेताओं, और सामाजिक संगठनों ने भी सरकार के साथ मिलकर काम किया है ताकि टीकाकरण अभियान को जन-जन तक पहुँचाया जा सके। इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि दूर-दराज के इलाकों में भी लोग टीकाकरण के महत्व को समझें और अपने बच्चों और गर्भवती महिलाओं का समय पर टीकाकरण कराएं।

टीकाकरण अभियान के व्यापक प्रभाव

इस अभियान का सबसे बड़ा असर प्रदेश की नवजात और शिशु मृत्यु दर पर पड़ा है। पहले जहाँ कई बच्चे छोटी उम्र में गंभीर बीमारियों के कारण अपनी जान गंवा देते थे, अब यह संख्या तेजी से कम हो रही है। टीकाकरण ने न केवल बच्चों को बीमारियों से बचाया है, बल्कि उनकी इम्यूनिटी को भी मजबूत किया है। इससे न केवल बच्चों का जीवन सुरक्षित हुआ है, बल्कि उनके माता-पिता के जीवन में भी सुरक्षा और स्वास्थ्य का विश्वास जगा है।

भविष्य की योजनाएँ

आने वाले समय में भी योगी सरकार का लक्ष्य शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करना है। इसके लिए नए-नए तकनीकी नवाचारों का सहारा लिया जाएगा ताकि किसी भी तरह की रुकावटें दूर की जा सकें। यूविन पोर्टल का लॉन्च इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है, जो टीकाकरण की प्रक्रिया को और भी अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा।

टीकाकरण के नतीजे और सरकार की उम्मीदें

नियमित टीकाकरण अभियान की सफलता से प्रदेश में नवजात और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में इन आंकड़ों को और बेहतर किया जाए और प्रदेश को स्वस्थ और समृद्ध बनाया जाए। टीकाकरण के इस अभियान से लाखों बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों से बचाया जा चुका है, और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

योगी सरकार की सोच और दिशा

इस तरह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने टीकाकरण अभियान को एक मिशन के रूप में लिया

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