भारत की अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। कंपनी ने 3 मिलियन यानी 30 लाख कारों का निर्यात कर इतिहास रच दिया है। यह कारनामा करने वाली यह भारत की पहली ऑटोमोबाइल निर्माता बन गई है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि तब पूरी हुई जब गुजरात के पिपावाव बंदरगाह से 30 लाखवीं कार रवाना की गई। इस शिपमेंट में सेलेरियो, फ्रोंक्स, जिम्नी, बलेनो, सियाज, डिजायर और एस-प्रेसो जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल थे।
मारुति सुजुकी का सफर: शुरुआत से आज तक
मारुति सुजुकी ने भारत से कारों का निर्यात 1986 में शुरू किया। शुरुआत में निर्यात की संख्या कम थी, लेकिन धीरे-धीरे कंपनी ने अपना दायरा बढ़ाया।
- 1987: पहली बड़ी खेप में 500 कारें हंगरी भेजी गईं।
- 2012-13: कंपनी ने 1 मिलियन (10 लाख) कारों का निर्यात पूरा किया।
- 2020-21: 2 मिलियन (20 लाख) कारों का निर्यात पूरा करने में केवल 9 साल लगे।
- 2024: सिर्फ 3 साल 9 महीने में 3 मिलियन (30 लाख) कारों का निर्यात।
निर्यात के पीछे क्या है सफलता की कहानी?
मारुति सुजुकी की यह सफलता केवल कारों के निर्माण में नहीं है, बल्कि इसमें सरकारी नीतियों, ग्राहकों के विश्वास और वैश्विक बाजार की मांग का भी बड़ा योगदान है।
- स्थानीयकरण पर जोर: कंपनी ने अपने उत्पादों को भारत में बनाकर उन्हें किफायती और उच्च गुणवत्ता वाला बनाया।
- वैश्विक मानकों का पालन: निर्यात के लिए बनाए गए मॉडल अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरते हैं।
- मेक इन इंडिया का समर्थन: कंपनी ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल को पूरी तरह अपनाया और इसे अपने हर उत्पाद में उतारा।
मारुति सुजुकी के एमडी का बयान
इस उपलब्धि पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ, श्री हिसाशी टेकुची ने कहा,
“3 मिलियन संचयी निर्यात मील का पत्थर भारत की ऑटोमोबाइल विनिर्माण उत्कृष्टता और वैश्विक मंच पर ब्रांड इंडिया की शक्ति को दर्शाता है। यह हमारी टीम और भारतीय इंजीनियरिंग की कड़ी मेहनत का परिणाम है। हम भारत सरकार के सहयोग के लिए आभारी हैं, जिसने व्यापारिक समझौतों और प्रोत्साहन के माध्यम से हमें निर्यात बढ़ाने में मदद की।”
प्रमुख निर्यात बाजार
मारुति सुजुकी के वाहनों की मांग न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में है। कंपनी वर्तमान में करीब 100 देशों में अपने वाहन निर्यात करती है।
- लैटिन अमेरिका: ब्राजील, चिली और कोलंबिया जैसे देशों में मारुति सुजुकी के वाहन खूब पसंद किए जाते हैं।
- अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया जैसे बाजारों में वाहनों की मजबूत पकड़ है।
- एशिया: इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम में कंपनी के उत्पाद लोकप्रिय हैं।
- मध्य पूर्व: यूएई, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों में मारुति सुजुकी का अच्छा खासा बाजार है।
शीर्ष निर्यात मॉडल
कंपनी के कई मॉडल अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहद पसंद किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
- फ्रोंक्स: एडवांस्ड फीचर्स और स्टाइलिश डिजाइन के कारण फ्रोंक्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।
- जिम्नी: दमदार एसयूवी होने के कारण इसे अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में खूब पसंद किया जाता है।
- बलेनो: किफायती प्रीमियम हैचबैक के रूप में बलेनो एक लोकप्रिय विकल्प है।
- डिजायर: सेडान श्रेणी में डिजायर की अपनी अलग पहचान है।
- एस-प्रेसो: माइक्रो एसयूवी सेगमेंट में एस-प्रेसो ने बड़ी जगह बनाई है।
निर्यात में रिकॉर्ड
मारुति सुजुकी ने अक्टूबर 2024 में 33,168 कारों का निर्यात किया, जो कंपनी का अब तक का सबसे अधिक मासिक निर्यात है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-अक्टूबर) में कंपनी ने 181,444 यूनिट्स का निर्यात किया। यह पिछले साल की तुलना में 17.4% अधिक है।
कंपनी का भविष्य का लक्ष्य
मारुति सुजुकी ने अपने निर्यात को और बढ़ाने के लिए एक ठोस योजना बनाई है।
- 2030-31 तक: कंपनी 7.5 लाख यूनिट्स का निर्यात करने का लक्ष्य रखती है।
- नए बाजारों की खोज: अफ्रीका और एशिया में नए बाजार तलाशने की योजना।
- नवाचार और गुणवत्ता: नए और उन्नत फीचर्स वाले मॉडल लाने का वादा।
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए क्या है मतलब?
मारुति सुजुकी की यह उपलब्धि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
- वैश्विक पहचान: यह भारत को एक ऑटोमोबाइल निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
- नौकरी के अवसर: निर्यात बढ़ने से रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं।
- आर्थिक विकास: भारत के निर्यात आंकड़ों में वृद्धि होती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
मारुति सुजुकी की 3 मिलियन कारों के निर्यात की यह उपलब्धि न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। यह उपलब्धि दिखाती है कि भारतीय कंपनियां भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं। कंपनी की निरंतर मेहनत और नई योजनाओं के साथ, यह सुनिश्चित है कि मारुति सुजुकी आने वाले वर्षों में और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेगी।