बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की पृष्ठभूमि में, हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर विरोध कर रहे कई हिंदुओं पर हमला किया गया।
इस्कॉन पर प्रतिबंध की खबरों का खंडन
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद कुछ संगठनों द्वारा इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी) पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई गई थी। लेकिन बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफिकुल इस्लाम ने स्पष्ट किया कि हिंदू समुदाय पूरी तरह सुरक्षित है और इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है।
हिंदू समुदाय को सुरक्षा का भरोसा
प्रेस सचिव शफिकुल इस्लाम ने कहा कि, “हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें झूठी और भ्रामक हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि बिना सटीक जानकारी के किसी भी अफवाह को न फैलाएं। पहले कुछ घटनाएं हुई थीं, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्थिति सामान्य होने का दावा
सरकार ने दावा किया है कि हिंसा की घटनाओं पर काबू पा लिया गया है और देश में सभी समुदायों के बीच भाईचारे को मजबूत किया जा रहा है। इस बयान से यह संकेत मिलता है कि बांग्लादेश सरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव और आंतरिक तनावों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर सतर्क है।