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ग्रेटर नोएडा की फर्नीचर फैक्ट्री में भीषण आग, तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत

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ग्रेटर नोएडा की फर्नीचर फैक्ट्री में भीषण आग, तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत

ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना क्षेत्र में स्थित एक फर्नीचर बनाने वाली फैक्ट्री में आज सुबह भीषण आग लगने से बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में तीन मजदूरों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। आग इतनी भयावह थी कि पूरी फैक्ट्री कुछ ही घंटों में जलकर राख हो गई। दमकल विभाग और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

 

हादसे का पूरा घटनाक्रम

रिपोर्ट्स के अनुसार, सुबह करीब 6 बजे फैक्ट्री में आग लगी। शुरुआत में मजदूरों ने इसे छोटी आग समझा और बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग ने जल्द ही पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते धुआं और आग की लपटें चारों तरफ फैल गईं, जिससे फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई।

 

मजदूरों की दर्दनाक मौत

इस हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। मृतकों की पहचान की जा रही है, लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार, ये मजदूर फैक्ट्री में लंबे समय से काम कर रहे थे। उनके परिवार को घटना की सूचना दे दी गई है। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

 

दमकल विभाग की कार्रवाई

आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की चार गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग बुझाने के दौरान दमकलकर्मियों को भारी धुएं और ऊंची लपटों का सामना करना पड़ा। फैक्ट्री में रखे ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग तेजी से फैली।

 

आग लगने के कारणों की जांच

पुलिस और फायर डिपार्टमेंट ने घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण बताया जा रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच पूरी होने के बाद ही की जाएगी। फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों की कमी की भी जांच की जा रही है।

 

मजदूरों में अफरा-तफरी

आग लगने के बाद फैक्ट्री में मौजूद अन्य मजदूरों ने जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू कर दिया। इस भगदड़ में कई मजदूर घायल हो गए। हालांकि, गंभीर रूप से घायल होने की कोई खबर नहीं है। मजदूरों का कहना है कि फैक्ट्री में आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।

 

सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल

इस घटना ने फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्थाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मजदूरों का आरोप है कि फैक्ट्री में अग्निशमन यंत्र मौजूद नहीं थे, जिससे आग को शुरुआती चरण में ही नहीं रोका जा सका। स्थानीय प्रशासन ने फैक्ट्री के मालिक और प्रबंधकों से पूछताछ शुरू कर दी है।

 

स्थानीय प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं, स्थानीय नेताओं ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की और सुरक्षा उपायों में लापरवाही पर नाराजगी जताई।

 

मृतकों के परिजनों का दर्द

इस घटना ने मृतकों के परिवारों को गहरा सदमा दिया है। वे इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने चाहिए थे। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने का वादा किया है।

 

भविष्य के लिए सबक

यह घटना न केवल प्रशासन और फैक्ट्री मालिकों के लिए, बल्कि मजदूरों के अधिकारों के प्रति समाज की जागरूकता के लिए भी एक सबक है। इस तरह की घटनाएं बार-बार साबित करती हैं कि औद्योगिक स्थलों में सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

ग्रेटर नोएडा की यह घटना मजदूर सुरक्षा और औद्योगिक प्रबंधन में सुधार की जरूरत को रेखांकित करती है। प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस हादसे से सबक लेते हुए ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। मृतकों के परिवारों को जल्द न्याय और मदद पहुंचाने की दिशा में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।

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