दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। धुंध और जहरीली हवा ने राजधानी के निवासियों का जीवन कठिन बना दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में यह 400 से भी अधिक है, जिससे यह ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं।
दिल्ली के प्रदूषण हॉटस्पॉट
दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में AQI का स्तर बेहद खतरनाक है।
• सोनिया विहार: AQI 400+
• अलीपुर: AQI 410
• आनंद विहार: AQI 412
• नेहरू नगर: AQI 408
• वजीरपुर: AQI 409
इन इलाकों में जहरीली हवा के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में सांस लेने से फेफड़ों और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
अन्य इलाकों में भी हालात खराब
दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है।
• अशोक विहार: AQI 392
• बुराड़ी क्रॉसिंग: AQI 362
• चांदनी चौक: AQI 353
• मथुरा रोड: AQI 354
• पटपड़गंज: AQI 388
• आरके पुरम: AQI 373
• ओखला फेज-2: AQI 371
एनसीआर में भी प्रदूषण का असर
दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में भी वायु गुणवत्ता खराब है।
• नोएडा: AQI 309
• गाजियाबाद: AQI 312
• फरीदाबाद: AQI 309
• गुरुग्राम: AQI 240
• ग्रेटर नोएडा: AQI 304
इन क्षेत्रों में भी जहरीली हवा के कारण निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
GRAP-4 के तहत लागू प्रतिबंध
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के प्रतिबंध लागू हैं।
• स्कूल और कॉलेज बंद: बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
• निर्माण कार्य पर रोक: धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध है।
• वाहनों की रोकथाम: पुराने वाहनों की आवाजाही पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।
• उद्योग बंद: प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि ये प्रतिबंध अगले 72 घंटों तक प्रभावी रहेंगे।
प्रदूषण के कारण
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कई प्रमुख कारण हैं:
1. पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता पर बड़ा असर पड़ता है।
2. वाहन प्रदूषण: पुराने वाहन और ट्रैफिक जाम प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।
3. निर्माण कार्य: निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल वायु को और जहरीला बनाती है।
4. उद्योगों से उत्सर्जन: दिल्ली और आसपास के इलाकों में चल रहे उद्योग वायु गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्रदूषण के बढ़ते स्तर का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
• सांस की समस्या: बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
• एलर्जी और अस्थमा: हवा में मौजूद जहरीले तत्वों के कारण एलर्जी और अस्थमा के मामले बढ़ रहे हैं।
• हृदय रोग: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
दिल्ली के निवासी प्रदूषण के चलते बेहद परेशान हैं।
• एक निवासी ने कहा, “दिल्ली में अब बिना मास्क के बाहर निकलना संभव नहीं है। यह शहर खतरनाक होता जा रहा है।”
• एक अन्य व्यक्ति ने पराली जलाने और पुराने वाहनों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, “सरकार को प्रदूषण कम करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।”
प्रदूषण कम करने के उपाय
विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों ने प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
1. पराली प्रबंधन: किसानों को पराली जलाने के विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।
2. सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा: अधिक से अधिक लोग मेट्रो और बस का उपयोग करें।
3. हरित क्षेत्र बढ़ाएं: पेड़ों की संख्या बढ़ाकर प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।
4. सख्त कानून: प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार की योजना
दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है।
• स्मॉग टावर: शहर में कई जगहों पर स्मॉग टावर लगाए गए हैं।
• पराली के विकल्प: किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है।
• जनजागरूकता: लोगों को प्रदूषण के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। यह न केवल स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित कर रही है। सरकार, उद्योग और नागरिकों को मिलकर प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। अन्यथा, यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।