लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टीम ने लाखों रुपये की अवैध शराब के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह अवैध शराब नई दिल्ली से होकर उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार की राजधानी पटना भेजी जा रही थी, जहां शराब बंद है।
आम की पेटियों में छिपाई गई शराब
UPSTF ने इस अवैध शराब की खेप को बाराबंकी जिले के लोनी कटरा इलाके से पकड़ा। तस्करों ने शराब को आम की पेटियों के बीच छिपाकर ट्रक में रखा था, ताकि पुलिस को शक न हो। दिल्ली और हरियाणा में बिकने वाली शराब को अवैध रूप से बिहार में ले जाया जा रहा था। UPSTF की टीम, जिसका नेतृत्व एडिशनल एसपी सत्यसेन यादव कर रहे थे, ने ट्रक को रोककर जांच की। इस जांच में 64 पेटियों में छिपी 766 बोतलें रॉयल स्टैग ब्रांड की शराब बरामद की गईं, जिनकी बाजार में कीमत करीब 9 लाख रुपये बताई जा रही है।
तीन तस्करों की गिरफ्तारी
UPSTF ने इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के नाम सूर्यभान, मौली और नीरज हैं। टीम ने इन तस्करों के साथ-साथ ट्रक और शराब को भी बाराबंकी के लोनी कटरा थाने में सौंप दिया है। जांच में पता चला है कि बिहार के रहने वाले सिंटू सिंह ने दिल्ली से शराब लोड कर इसे पटना भेजने का इंतजाम किया था। इसके अलावा, यह गिरोह दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों से भी बिहार में अवैध रूप से शराब की सप्लाई करता है।
UPSTF की बड़ी कार्रवाई
बिहार में शराब बंदी लागू होने के बावजूद तस्करों द्वारा अवैध शराब की सप्लाई की जा रही है। तस्करों ने इस बार शराब को आम की पेटियों के बीच छिपाकर बिहार में भेजने का तरीका अपनाया, लेकिन UPSTF की मुस्तैदी के चलते उनका यह प्रयास नाकाम हो गया। इस घटना से यह साफ हो गया है कि राज्य में अवैध शराब की तस्करी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। प्रशासन इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रहा है और तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
शराब तस्करी का बढ़ता खतरा
बिहार में शराब बंदी लागू होने के बावजूद तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर शराब की तस्करी करने में लगे हुए हैं। इस बार उन्होंने शराब को आम की पेटियों में छिपाकर भेजने का तरीका अपनाया। हालांकि, UPSTF की सतर्कता ने उनकी इस चाल को नाकाम कर दिया। इस घटना से यह साबित होता है कि तस्करी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिससे निपटने के लिए प्रशासन को और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
कार्रवाई का असर
UPSTF की इस कार्रवाई से शराब तस्करों के बीच खौफ पैदा हो गया है। भले ही तस्करी से उन्हें भारी मुनाफा मिलता हो, लेकिन इस तरह की सख्त कार्रवाई उन्हें अपनी गतिविधियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकती है। वहीं, प्रशासन भी इस तरह की कार्रवाई को जारी रखकर शराब बंदी को पूरी तरह से सफल बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
लखनऊ में UPSTF की इस बड़ी कार्रवाई ने अवैध शराब की तस्करी पर एक और चोट की है। यह घटना न केवल तस्करों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रहा है। बिहार में शराब बंदी को सफल बनाने के लिए इस तरह की और कार्रवाईयों की आवश्यकता है, ताकि अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।