उत्तर प्रदेश में बीते सात सालों में जो परिवर्तन आया है, वह अद्वितीय है। जहां पहले राज्य अराजकता और भ्रष्टाचार का गढ़ माना जाता था, वहीं अब यह तेजी से विकसित हो रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, उच्च स्तरीय बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा के कारण यहां का माहौल पूरी तरह बदल चुका है। आज देश के सबसे तेजी से उभरते 100 शहरों में उत्तर प्रदेश के चार शहर काशी, अयोध्या, कानपुर और लखनऊ शीर्ष पर हैं। यह कोई सरकारी दावा नहीं, बल्कि रियल एस्टेट की सलाहकार फर्म कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट का नतीजा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन शहरों में आवासीय, वेयरहाउस, डाटा सेंटर, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की संभावनाएं अधिक हैं।
अयोध्या: 32,000 करोड़ की परियोजनाओं ने बदला शहर का चेहरा
अयोध्या का विकास योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तेजी से हुआ है। यहां 32,000 करोड़ रुपए की लागत से 200 से अधिक परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जो राम मंदिर के साथ पूरी होंगी। अयोध्या को दुनियाभर में पहचान दिलाने में दीपोत्सव का बड़ा योगदान रहा है, जिसे योगी सरकार ने ही शुरू किया था।
काशी: विश्वनाथ कॉरिडोर और गंगा आरती से बढ़ी लोकप्रियता
काशी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है, का भी पिछले कुछ वर्षों में कायाकल्प हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य विकास परियोजनाओं के कारण इस प्राचीन शहर का आकर्षण और भी बढ़ गया है। गंगा आरती और देव दीपावली जैसे आयोजनों ने काशी को और भी खास बना दिया है।
कानपुर: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और मेट्रो ने बदली सूरत
कानपुर, जो कभी देश का प्रमुख औद्योगिक शहर हुआ करता था, अब फिर से अपने पुराने वैभव को हासिल कर रहा है। योगी सरकार ने यहां के चमड़ा उद्योग के प्रदूषण पर प्रभावी अंकुश लगाया और गंगा के घाटों का सुंदरीकरण किया। साथ ही मेट्रो की शुरुआत, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के चौड़ीकरण से इस शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर किया है।
लखनऊ: नवाबों की नगरी से ब्रांडिंग की नई पहचान तक
लखनऊ, जो हमेशा से नवाबों की नगरी और प्रदेश की राजधानी रहा है, ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद एक नई पहचान बनाई है। इस महानगर की ब्रांडिंग में काशी और अयोध्या का बड़ा योगदान रहा है, जो टूरिज्म के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।
पर्यटन से बढ़ती आय
बदले हुए काशी और अयोध्या ने प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। 2023 में उत्तर प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटक आए थे। इस संख्या को 2028 तक 80 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। पर्यटन से होने वाली आय में भी बड़ा इजाफा हुआ है, जो 2016-17 में 11,000 करोड़ थी, उसे 2028 तक 70,000 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है।