14 Aug 2024
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Lucknow: खोदी गई सड़कों की मरम्मत में लापरवाही पर कंपनियों के मालिक तलब, प्रमुख सचिव की कड़ी चेतावनी

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लखनऊ: जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत में लापरवाही बरतने वाली कंपनियों के मालिकों को लखनऊ में तलब किया गया। प्रमुख सचिव, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने मंगलवार को इन कंपनियों के अधिकारियों की जमकर खिंचाई की।

प्रमुख सचिव का सख्त रुख:

प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर 30 सितंबर 2024 तक सभी सड़कों की मरम्मत नहीं हुई, तो कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने जिलेवार हालात की समीक्षा की और कंपनियों के मालिकों को निर्देश दिए कि वे खुद फील्ड पर जाकर सड़कों की मरम्मत और जलापूर्ति के काम का निरीक्षण करें।

17 सितंबर की समीक्षा बैठक:

प्रमुख सचिव ने कहा कि 17 सितंबर को होने वाली अगली समीक्षा बैठक में यह तय होगा कि कौन सी कंपनी जल जीवन मिशन में आगे काम करेगी और किन कंपनियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने साफ किया कि सड़कों की मरम्मत सरकार की प्राथमिकता है और इसे 30 सितंबर तक हर हाल में पूरा करना होगा।

लापरवाही पर सख्त कार्रवाई:

प्रमुख सचिव ने मुजफ्फरनगर में काम कर रही एनकेजी कंपनी के मालिक को सुस्त रवैये के लिए फटकार लगाई और तीन दिन में सड़कों की मरम्मत की रफ्तार चार गुना बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने अलीगढ़ में काम कर रही आईओएन एक्सचेंज, जेएमसी और प्रयागराज में एलएनटी कंपनियों के मालिकों को भी सुधार की सख्त हिदायत दी।

मॉनिटरिंग के पांच स्तर:

सड़कों की मरम्मत और जलापूर्ति के काम की मॉनिटरिंग के लिए पांच स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। जिलों में अधिशासी अभियंताओं को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि मुख्यालय से चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग और औचक निरीक्षण का जिम्मा सौंपा गया है।

कार्रवाई का फैसला:

प्रमुख सचिव ने सभी कंपनियों के मालिकों को स्पष्ट कर दिया है कि 15 दिन बाद उनके काम की अगली समीक्षा होगी। उस बैठक में सभी कंपनियों के मालिकों को खुद आना होगा और सड़कों की मरम्मत और जलापूर्ति के आंकड़ों के साथ रिपोर्ट पेश करनी होगी। जो कंपनियां तब भी धीमी रहेंगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि विकास कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पाइपलाइन बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत का काम सरकार की प्राथमिकता में है और इसे समय पर पूरा करना अनिवार्य है। जो कंपनियां इस काम में ढिलाई दिखाएंगी, उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

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