14 Aug 2024
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कोलकाता रेप कांड: ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद NCW ने उठाए गंभीर सवाल

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। हत्या की इस दुखद घटना के तुरंत बाद कॉलेज में रेनोवेशन (नवीनीकरण) का काम शुरू हो गया, जिसे लेकर नेशनल कमीशन फॉर वीमेन (NCW) ने कड़ी आपत्ति जताई है। NCW ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कोलकाता पुलिस और सरकार की विफलताओं पर सवाल उठाए हैं।

NCW की चिंता और नाराजगी

NCW ने इस घटना के बाद तुरंत पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर नाराजगी व्यक्त की है। आयोग का कहना है कि हत्या स्थल को तुरंत सील कर देना चाहिए था ताकि किसी भी तरह के साक्ष्य नष्ट न हो सकें। लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हुआ, और इसके बाद वहां रेनोवेशन का काम शुरू हो गया। NCW का यह भी मानना है कि इस तरह के कार्य से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है, जो जांच के लिए हानिकारक हो सकता है।

NCW की जांच और पांच प्रमुख दावे

NCW ने इस मामले में गहराई से जांच की और पांच चौंकाने वाले दावे किए हैं:

    1.    सुरक्षा की कमी: NCW ने सबसे बड़ा दावा किया है कि घटना वाले दिन अस्पताल में कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था। यह अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।
    2.    साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़: आयोग का कहना है कि जिस स्थान पर घटना हुई, वहां रेनोवेशन का काम कराना पूरी तरह से गलत है। इससे साक्ष्यों के नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।
    3.    पुलिस की लापरवाही: NCW ने कहा कि पुलिस को तुरंत घटना स्थल को सील करना चाहिए था। ऐसा न करना पुलिस की लापरवाही को उजागर करता है।
    4.    महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी: अस्पताल परिसर में महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। खराब टॉयलेट्स, उचित लाइट्स का न होना, और सुरक्षा व्यवस्था में कमी जैसे मुद्दे गंभीर चिंता का विषय हैं।
    5.    प्रिंसिपल की पूछताछ अधूरी: कॉलेज प्रिंसिपल ने घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक उनसे पूरी पूछताछ नहीं की गई है, जो इस मामले में न्याय की दिशा में बड़ी कमी है।

घटना का विवरण

यह जघन्य घटना 8 और 9 अगस्त की रात के बीच हुई थी, जब एक ट्रेनी डॉक्टर, जो कि पीजी सेकेंड ईयर की छात्रा थी, का पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। 9 अगस्त की सुबह उसका शव सेमिनार हॉल में मिला, जिसके बाद इस घटना ने पूरे देश में चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया। इस घटना से आक्रोशित डॉक्टरों ने कई बड़े और नामी अस्पतालों में विरोध स्वरूप हड़ताल कर दी, जिससे मरीजों के इलाज में काफी समस्याएं आईं।

रेनोवेशन को लेकर NCW की चिंता

NCW का कहना है कि अस्पताल में अचानक से रेनोवेशन का काम शुरू किया जाना संदिग्ध है। यह काम उस स्थान पर हो रहा है जहां हत्या और दुष्कर्म की घटना हुई थी, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। NCW ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि पुलिस और अस्पताल प्रशासन को तुरंत इस कार्य को रोक देना चाहिए और साक्ष्यों को संरक्षित करना चाहिए ताकि सही जांच हो सके।

कोलकाता पुलिस और सरकार की विफलता

NCW ने इस मामले में कोलकाता पुलिस और राज्य सरकार की विफलताओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। आयोग का कहना है कि जिस तरह से इस मामले को संभाला गया है, वह पूरी तरह से असंतोषजनक है। पुलिस द्वारा घटना स्थल को सील न करना और साक्ष्यों को सुरक्षित न रखना, प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाता है। NCW का यह भी मानना है कि सरकार और पुलिस को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी

NCW ने इस घटना के बाद अस्पताल में महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी को भी उजागर किया है। आयोग ने बताया कि अस्पताल परिसर में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जो किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। खराब टॉयलेट्स, उचित लाइटिंग का अभाव और सुरक्षा गार्ड की कमी, ये सभी मुद्दे गंभीर हैं और इन पर तुरंत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

ट्रेनी डॉक्टरों की हड़ताल और भविष्य की दिशा

इस घटना के बाद ट्रेनी डॉक्टरों में भारी आक्रोश देखा गया, जिसके परिणामस्वरूप कई जगहों पर हड़ताल की गई। फिलहाल, हड़ताल जारी है और जानकारी के अनुसार यह हड़ताल कल सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी, ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो।

कोलकाता रेप कांड में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद से जो हालात बने हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। NCW ने इस मामले में जो सवाल उठाए हैं, वे इस ओर इशारा करते हैं कि जांच और सुरक्षा के मामले में कई गंभीर खामियां हैं। यह समय है कि सरकार, पुलिस और अस्पताल प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लें और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की दिशा में काम करें। साथ ही, महिलाओं की सुरक्षा के लिए अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा उपायों को भी मजबूत किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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