काबुल में ड्रोन हमलों पर अमेरिका ने मांगी माफी, माना हमले में आतंकियों की जगह मारे गए 10 आम अफगानी नागरिक

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अफगानिस्तान में पिछले महीने किए गये ड्रोन हमले का बचाव कर चुका पेंटागन अब अपने बयान से पलट गया है और उसने शुक्रवार को कहा कि अंदरूनी जांच से खुलासा हुआ है कि इस हमले में सिर्फ आम नागरिक ही मारे गए न कि इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी, जैसा पहले विश्वास किया गया था. इस ड्रोन हमले में 10 लोग मारे गए थे.

29 अगस्त के इस हमले में बच्चों समेत कई आम नागरिक मारे गए थे. लेकिन उसके बाद भी चार दिन बाद पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय) अधिकारियों ने कहा था कि यह बिल्कुल सटीक हमला था. अमेरिका ने काबुल में दावा किया था कि उसने आईएसआईएस के आत्मघाती कार बॉम्बर पर हमला किया था जो काबुल एयरपोर्ट पर हमले की तैयारी कर रहा था. अमेरिका ने कहा कि रविवार को काबुल में संदिग्ध ISIS-K आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है.

मीडिया ने बाद में इस घटना पर जारी अमेरिकी बयानों पर संदेह प्रकट करना शुरू कर दिया और खबर दी कि जिस वाहन को निशाना बनाया गया था. उसका चालक किसी अमेरिकी मानवीय संगठन का कर्मचारी था. खबर में यह भी बताया गया कि इस वाहन में विस्फोटक होने के पेंटागन के दावे के पक्ष में कोई सबूत नहीं हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल में आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट खुरासान के आत्‍मघाती बम हमलावर के नाम पर किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में 6 बच्‍चों समेत 10 आम नागरिकों की भी मौत हो गई थी. बताया गया थ कि ये सभी 10 लोग एक ही परिवार के सदस्‍य थे. इस घटना के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन की आईएसआईएस के खिलाफ कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई थी.

सीएनएन ने स्थानीय पत्रकार और मारे गए लोगों के रिश्तेदार से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी हमले में एक ही परिवार के 9 लोग मारे गए जिसमें छह बच्चे शामिल थे. इनमें से मारे गए सबसे कम्र उम्र के की बच्ची 2 साल की थी. वहीं, एसोसिएटेड प्रेस ने एक अनाम अफगानी अधिकारी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हमले में तीन बच्चों की मौत हुई है. सीएनएन की रिपोर्ट के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह जांच कर रहा है कि हमले में नागरिकों की मौत हुई या नहीं और अगर ऐसा हुआ तो ये बेहद दुखद होगा.