बात 1994 की है, जब बिहार में ‘लव-कुश’ समीकरण की नींव डाली गई थी. उस समय कुर्मी-कोइरी सम्मेलन हुआ था और यही से ‘लव-कुश’ समीकरण की बात पहली बार की गई. इसके बाद तत्कालीन जनता दल से विद्रोह करते हुए जॉर्ज फर्नांडीज, नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, पीके सिन्हा, दिग्विजय सिंह, शकुनी चौधरी आदि नेताओं ने समता पार्टी के नाम से नया दल बनाया. कुर्मी के नेता नीतीश कुमार तो कोइरी के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने लव-कुश समीकरण का खूब प्रचार-प्रसार किया. इसी के बलबूते नीतीश कुमार कालांतर में बिहार के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे और करीब पिछले 18 सालों से (जीतनराम मांझी के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो) बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
हालांकि बाद के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा से उनकी खटपट शुरू हो गई तो कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया और 2020 के चुनाव में मात खाने के बाद जेडीयू में इसका विलय भी कर लिया गया था. अब उपेंद्र कुशवाहा फिर से नीतीश कुमार से अलग होने की राह पर हैं और सोमवार दोपहर तक वे नई पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं. माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह (पहले ही नीतीश कुमार से अलग हो चुके हैं) मिलकर अब नीतीश के बेस वोट बैंक को चोट पहुंचाएंगे. नीतीश कुमार गुट के नेताओं का कहना है कि ये दोनों नेता बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. यह बात अगर सही है तो जेडीयू के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि बीजेपी इन दोनों नेताओं के सहारे लव कुश समीकरण को अपने साथ ले सकती है. अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लिए बहुत बुरी खबर हो सकती है.
लखनऊ 17 फरवरी। जीवन में स्वास्थ्य का महत्व सर्वोपरि है। आज कल सब लोगो को…
लखनऊ की पूर्व एंकर इति राज ने मिसेज इंडिया यूनिवर्सल 2023 फर्स्ट रनरअप का खिताब…
2002 के गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित फिल्म ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ का टीजर…
1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश चीनी कर्ज में फंसता जा रहा है. बांग्लादेश के…
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर नई संसद में…
तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नमलाई ने चेन्नई सुपरकिंग्स को पांचवीं बार आईपीएल विजेता बनने…