अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान ने कहा – जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला

अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी हरकतों के बढ़ने की संभावनाओं पर मंगलवार को कुछ हद तक विराम लग गया। तालिबान ने एक बार फिर कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आतंरिक और द्विपक्षीय मसला है। हालांकि भारत ने इसके बावजूद कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को ज्यादा सचेत करने का निर्णय लिया है।

दरअसल काबुल में तालिबान के साथ पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-झांगवी के आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है। इन आतंकी संगठनों ने कुछ गांवों में और काबुल के कुछ हिस्सों में तालिबान की मदद से अपने चेक प्वाइंट भी बनाए हैं। ये सभी आतंकी संगठन कश्मीर में भी सक्रिय हैं।

ऐसे में इस देश में युद्धग्रस्त देश के हालातों का लाभ उठाने की स्थिति में वे नहीं हैं। तालिबान पहले ही कश्मीर को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है और उसने दोबारा भी कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है।

एक भारतीय अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, इस बात को लेकर सुरक्षा चिंताएं हैं कि अफगानिस्तान इस्लामी आतंकवाद का पहला एपिसेंटर बन सकता है, क्योंकि वहां मौजूद आतंकियों की पहुंच अमेरिका की तरफ से अफगान सेना को दिए गए 3 लाख से ज्यादा हथियारों और वायुसेना तक हो गई है।

अधिकारी के मुताबिक, तालिबान नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध रखने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई उनका रुख भारत की तरफ मोड़ने का प्रयास कर सकती है, लेकिन तालिबान के मजबूत रहने तक आईएसआई का प्रयास सफल होने के आसार बेहद कम हैं।

भारत में प्रशिक्षण ले रहे अफगान सैनिकों का भविष्य अनिश्चित
अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के चलते उन 130 अफगान सैनिकों का भविष्य अनिश्चित हो गया है, जो भारतीय सैन्य बलों की विभिन्न अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

सैन्य सूत्रों के मुताबिक, क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत भारतीय सुरक्षा बल अफगान कैडेटों और जवानों को एक दशक से भी ज्यादा समय से अपनी अकादमियों में विभिन्न सैन्य कौशल का प्रशिक्षण देते रहे हैं। अब तक हजारों अफगान सैनिकों को यह प्रशिक्षण मिल चुका है।

फिलहाल देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में 80 अफगान कैडेट प्रशिक्षु हैं, जबकि 50 कैडेट चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी और खडगवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

काबुल में बंद नहीं हुआ है भारतीय दूतावास
अफगानिस्तान से भारतीय राजदूत और अन्य कर्मचारियों को एयरलिफ्ट किए जाने के बाद भी वहां भारतीय दूतावास बंद नहीं किया गया है।

सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि स्थानीय कर्मचारी दूतावास की कोन्सुलर सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि काबुल में मौजूद 1650 भारतीय नागरिकों ने स्वदेश वापस लौटने के लिए दूतावास में आवेदन किया है।

Khushi Sonker

Khushi Sonker covers National, International, and Corona News Sections. She believes that writing a news article is a different form of writing because news articles present information in a specific way. Hence, she tries to convey all the relevant information in a limited word count and give the facts to the audience concisely.

Recent Posts

लखनऊ की इति राज बनीं मिसेज इंडिया यूनिवर्सल की फर्स्ट रनर अप..

लखनऊ की पूर्व एंकर इति राज ने मिसेज इंडिया यूनिवर्सल 2023 फर्स्ट रनरअप का खिताब…

11 months ago

एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ का रिलीज हुआ जबरदस्त Teaser..

2002 के गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित फिल्म ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ का टीजर…

11 months ago

2% इंट्रेस्ट लोन का जाल, चीन के चक्कर में पड़कर कहीं बांग्लादेश भी न बन जाए श्रीलंका..

1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश चीनी कर्ज में फंसता जा रहा है. बांग्लादेश के…

11 months ago

कैलिफोर्निया में राहुल गांधी, बीजेपी ने कहा, ‘पीएम मोदी बॉस हैं’ यह बात कांग्रेस नेता नहीं पचा सकते..

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर नई संसद में…

11 months ago

‘रवींद्र जडेजा BJP कार्यकर्ता, उनकी बदौलत CSK ने जीती IPL ट्रॉफी’, तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई का बयान..

तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नमलाई ने चेन्नई सुपरकिंग्स को पांचवीं बार आईपीएल विजेता बनने…

11 months ago