Achyutam Keshavam Bhajan Lyrics और Meaning Hindi में 2023

243
Achyutam keshavam bhajan lyrics और meaning hindi में 2023

नमस्कार  पाठको आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट पे , आज का जो लेख है वो Achyutam keshavam bhajan lyrics in hindi पे है , गूगल पे लोग achyutam keshavam bhajan lyrics in hindi  , lyrics of bhajan achyutam keshavam in hindi  , bhajan achyutam keshavam krishna damodaram lyrics in hindi , lyrics of bhajan achyutam keshavam krishna damodaram in hindi जैसी बहुत सी शब्द सर्च करते है  . उन्हें जो भी वेबसाइट दिखती है उसमे सिर्फ lyrics होती है न की उनके अर्थ या उसका मतलब।  इसी चीज़ को देखते हुए।  हमने अपने पाठको के लिए Achyutam keshavam bhajan lyrics in hindi पे पूरा एक बिस्तर लेख लिखा है आशा करता हूँ ये लेख आपको पसंद आये। 

दिव्य गीत “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” ने दुनिया भर के लाखों भक्तों के दिलों पर कब्जा कर लिया है। इस गीत के बोल भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का एक सुंदर प्रतिनिधित्व करते हैं। इस लेख में, हम गीत में प्रत्येक शब्द के अर्थ और महत्व पर ध्यान देंगे, इसके सार की व्यापक समझ प्रदान करेंगे।

हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण का महत्व (Achyutam keshavam Bhajan lyrics in hindi)

भगवान कृष्ण को हिंदू धर्म में सबसे सम्मानित देवताओं में से एक माना जाता है और उन्हें भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। उन्हें अक्सर एक शरारती बच्चे, एक आकर्षक युवा और एक बुद्धिमान और शक्तिशाली शासक के रूप में चित्रित किया जाता है। कृष्ण को भगवद गीता में उनकी शिक्षाओं के लिए जाना जाता है और कई अनुयायियों द्वारा उन्हें सर्वोच्च देवता माना जाता है।

“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” का अर्थ

“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” के गीतों का अनुवाद “अच्युतम (अपरिवर्तनशील), केशवम (जिसके लंबे, सुंदर बाल हैं), कृष्ण (काले), और दामोदरम (जो रस्सी चलाते हैं) के रूप में किया जा सकता है।” इनमें से प्रत्येक शब्द एक महत्वपूर्ण अर्थ रखता है और साथ में वे भगवान कृष्ण के दिव्य गुणों का एक सुंदर प्रतिनिधित्व करते हैं।

“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” Lyrics in Hindi 

Achyutam keshavam bhajan lyrics और meaning hindi में 2023

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम

 राम नारायणम जानकी वल्लभम ,

 कौन कहता है भगवान आते नहीं

 तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं ,

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम

 राम नारायणम जानकीवल्लभम

 कौन कहता है भगवान खाते नहीं 

बेर शबरी के जैसे खिलते नहीं 

अच्युतम् केशवम कृष्ण दामोदरम

 राम नारायणम जानकी वल्लभम

कौन कहते हैं भगवान सोटे नहीं

 मां यशोदा के जैसे सुलेते नहीं

 अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम

 राम नारायणम जानकी वल्लभम

 कौन कहता है भगवान नचठे नहीं

 गोपियों की तरह तुम नचथे नहीं 

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम, 

राम नारायणम जानकी वल्लभम,

 अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम,

 राम नारायणम जानकी वल्लभम,

 राम नारायणम जानकी वल्लभम

गीत का विश्लेषण

पहली पंक्ति “अच्युतम” भगवान कृष्ण की शाश्वत प्रकृति पर प्रकाश डालती है, हमें याद दिलाती है कि वह जन्म या मृत्यु के अधीन नहीं है और अपरिवर्तनीय है। दूसरी पंक्ति “केशवम” कृष्ण की शारीरिक सुंदरता को संदर्भित करती है, जो उनके दिव्य गुणों और आकर्षित करने की उनकी शक्ति का प्रतीक है। तीसरी पंक्ति “कृष्ण” उनके गहरे रंग, उनके लौकिक रूप और अनंत के साथ उनके जुड़ाव का प्रतीक है। चौथी पंक्ति “दामोदरम” उनके चंचल स्वभाव और अपने भक्तों के मन को नियंत्रित करने की उनकी क्षमता को दर्शाती है।

भक्ति साधना में गीत का महत्व

“अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” गीत अक्सर मंदिरों में और धार्मिक समारोहों के दौरान भगवान कृष्ण की भक्ति के रूप में गाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस गीत को भक्ति और भक्ति के साथ गाने से परमात्मा के साथ गहरा संबंध बन सकता है और भक्त के जीवन में शांति और खुशी आ सकती है।

निष्कर्ष

अंत में, “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” भगवान कृष्ण के दिव्य गुणों का एक सुंदर प्रतिनिधित्व और उनके शाश्वत और अपरिवर्तनीय स्वभाव की याद दिलाता है। गाने के बोल भगवान कृष्ण के दिव्य रूप की व्यापक समझ प्रदान करते हैं और हिंदू भक्ति प्रथाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भक्ति के साथ इस गीत को गाकर भक्त परमात्मा के साथ गहरे संबंध का अनुभव कर सकते हैं और अपने जीवन में शांति और खुशी प्राप्त कर सकते हैं।

यह भी पढ़े : Lucknow: MLC सीटों पर थमा चुनाव प्रचार, कल 5 सीटों पर होगा मतदान