हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के मंडी शहर को नगर परिषद से नगर निगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 15 दिनों का समय दिया है. इसी बीच मंडी नगर परिषद की अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने नगर निगम बनने के फायदों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम को लेकर कई प्रकार की भ्रातियों पर भी अंकुश लगाया है. नगर परिषद मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने ऐलान किया है कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम मंडी में शमिल किया जाना है, उनसे 5 वर्षों तक किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा. इन ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे पहले विकास की लकीर खिंची जाएगी. उसके बाद ही यहां पर विभिन्न प्रकार के टैक्स वसूलने का खाका बनाया जाएगा.
सुमन ने बताया कि अभी तक टैक्स लेने के लिए ए,बी,सी और डी कैटेगरी बनाई गई है, लेकिन अगर आवश्यकता पड़ी तो नगर निगम ग्रामीणों को राहत देने के लिए न्यूनतम टैक्स रखने का प्रावधान करेगी. इसके तहत टैक्स की श्रेणीयों को बढ़ाते हुए इसे इ या एफ तक घटाया जा सकता है. इसमें की सिर्फ नाममात्र का ही कर ग्रामीणों को देना होगा. इसके साथ ही नगर परिषद मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने लोगों से समाज में नगर निगम के खिलाफ फैलाई जा रही भ्रांतियों पर विराम लगाकर नगर निगम मंडी का लोगों से समर्थन करने का आहवान किया है.
वहीं कुछ लोगों के द्वारा ऐसी भी भ्रातियां फैलाई जा रही हैं कि जो ग्रामीण क्षेत्र नगर निगम मंडी में शामिल किए जाएंगे, उनके रोजगार पर इसका असर पड़ेगा. साथ ही कुछ लोगों का मानना है कि नगर निगम में शामिल होने पर मनरेगा समाप्त कर दिया जाएगा, इन सब बातों को नगर परिषद अध्यक्ष ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि गांवों में मनरेगा है तो शहरों में भी मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना है, जिसमें लोगों को 120 दिनों का रोजगार दिया जाता है इसके साथ ही शहरों में मजदूरी भी गांवों की तुलना में अधिक दी जाती है.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने मंडी नगर परिषद को नगर निगम बनाने के लिए कवायद तेज करते हुए इसके लिए लोगों को 15 दिनों का समय दिया गया है। जिसमें से आधा समय बीत भी चुका है. ऐसे में नगर परिषद की अध्यक्षा ने लोगों से अपील की है कि वे मंडी के विकास को देखते हुए नगर निगम बनाने में अपना समर्थन दें.