भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता से पहले सोमवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अलग-अलग मुलाकात की। बैठक के बाद राजनाथ ने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री से बातचीत सफल रही। दोनों देशों के बीच रिश्ते आगे और मजबूत होंगे तथा इनमें नया रंग जुड़ेगा। एस्पर और पोम्पियो मंगलवार की टू प्लस टू वार्ता के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।
हैदराबाद हाउस में रक्षामंत्रियों की प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बैठक के बाद राजनाथ ने कहा कि बातचीत दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग व्यापक स्तर पर ले जाने के उद्देश्य से हुई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुख्य मुद्दा हिंद प्रशांत क्षेत्र में विकास और रक्षा सहयोग का विस्तार था।भारत की ओर से बैठक में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी थे। पोम्पिओ और एस्पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात करेंगे।
टू प्लस टू वार्ता में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार शामिल है। दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो सकता है। इसका मकसद नॉटिकल और एयरोनॉटिकल चार्ट्स समेत जियोस्पेशियल डेटा की साझेदारी है। इससे भारत को अमेरिका के सटीक सैटेलाइट्स डटा से सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में भी मदद मिलेगी।
बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध चल रहा है। मंगलवार को टू प्लस टू बैठक में भारत की तरफ से रक्षामंत्री राजनाथ और विदेश मंत्री एस जयशंकर शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता की घोषणा 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात में हुई थी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले दोनों मंत्रियों की दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा महत्वपूर्ण है।