योगी सरकार ने आईएएस अधिकारियों की तरह पीसीएस अधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन कराने का फैसला किया है। पूरी व्यवस्था ऑनलाइन और समयबद्ध होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक सहमति दे दी है।
आईएएस अधिकारियों को प्रतिवर्ष तय समय सीमा के भीतर अपनी आय व संपत्ति का ई-ऑफिस (स्पैरो) पर ऑनलाइन ब्योरा देना होता है। उनके वार्षिक कामकाज के मूल्यांकन की गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) भी ऑनलाइन दर्ज होती है। पीसीएस अधिकारियों के मामले में यह व्यवस्था नहीं है। पीसीएस अफसरों को जहां 5 वर्ष में संपत्ति का ब्योरा देना होता है वहीं वार्षिक प्रविष्टि देने की कार्यवाही भी मैनुअल तरीके से होती है। कई बार पदोन्नति के समय पता चलता है कि अफसरों का कई-कई वर्ष का एसीआर अधूरा है। इससे अफसर के कामकाज के मूल्यांकन में कठिनाई आती है।
यह भी नहीं पता चल पाता कि अफसर ने एंट्री लेने के लिए प्रयास किया या नहीं या मूल्यांकनकर्ता अधिकारी ने ही एंट्री देने में रुचि नहीं ली। एसीआर की व्यवस्था ऑनलाइन होने से पूरी स्थिति स्पष्ट रहेगी।