केंद्र सरकार एक बार फिर आपको सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली किस्त 28 दिसंबर को आने वाली है. इसमें आप सस्ते में सोना खरीद के अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं. बता दें 2020-21 (गोल्ड बॉन्ड स्कीम) की 9वीं सीरीज के लिए 5000 रुपए प्रति ग्राम का भाव तय हुआ है. इसमें आप 28 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी 2021 तक निवेश कर सकते हैं.
अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो आपको इसमें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है. बता दें ब्याज का पैसा हर छमाही आपके खाते में ट्रांसफर हो जाता है.
आपको बता दें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का होता है, लेकिन निवेशक इसको 5 साल में भी ब्रेक कर सकता है. इसके अलावा लोन लेते समय आप इसका इस्तेमाल कोलैटरल के रूप में भी कर सकते हैं. इसके अलावा अगर गोल्ड बॉन्ड के मैच्योरिटी पर कोई कैपिटल गेन्स बनता है तो इसपर छूट भी मिलती है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 जारी करता है. बॉन्ड में निवेशक एक ग्राम के मल्टीप्लाई में निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेश की अवधि 8 साल है. पांचवें साल से योजना से ब्याज भुगतान की तिथि से बाहर निकलने का विकल्प मिलता है. बॉन्ड की बिक्री व्यक्तिगत रूप से भारत के निवासियों, हिंदू अविभाजित परिवारों, ट्रस्ट्स, विश्वविद्यालय और परमार्थ संस्थानों को ही की जाएगी.
स्कीम के तहत व्यक्तिगत निवेशक और हिंदू अविभाजित परिवार एक वित्त वर्ष में कम से कम एक ग्राम और अधिकतम चार किलोग्राम गोल्ड के लिए निवेश कर सकते हैं. ट्रस्ट और ऐसी ही दूसरी इकाइयां हर साल 20 किग्रा सोने में निवेश कर सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के जरिये की जाएगी.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में वह व्यक्ति निवेश कर सकता है जो कि भारत में निवास करता हो, वह अपने स्वयं के लिए, किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से बॉन्ड धारक हो सकता है या फिर नाबालिग की ओर से भी इस गोल्ड बॉन्ड को खरीद सकता है. ध्यान रहे कि भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को विदेशी मुद्रा प्रबंधन, अधिनियम, 1999 की धारा 2(यू) के साथ पठित धारा 2(वी) के तहत परिभाषित किया गया है. इसमें बॉन्ड धारक के रूप में विश्वविद्यालय,धर्मार्थ संस्थान या कोई ट्रस्ट भी हो सकता है.