कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के 23 नेताओं ने ऊपर से नीचे तक बदलाव को लेकर पत्र लिखा। उनमें से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल भी हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उनके द्वारा जताई गई चिंताओं पर न तो बात हुई और न ही उसे साझा किया गया। इतना ही नहीं जब पत्र लिखने वाले नेताओं पर हमला हुआ तब कोई भी नेता बीच में नहीं आया।
सिब्बल का कहना है कि कांग्रेस को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है और पत्र में उल्लिखित चिंताओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा भाजपा पर संविधान का पालन नहीं करने और लोकतंत्र की नींव को नष्ट करने का आरोप लगाती है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम क्या चाहते हैं? हम अपने (पार्टी के) संविधान का पालन करना चाहते हैं। उस पर आपत्ति कौन कर सकता है।’
एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में कपिल सिब्बल ने कहा, ‘इस देश में राजनीति, मैं किसी पार्टी विशेष की बात नहीं करता, अब मुख्य रूप से वफादारी पर आधारित है। हमें वह चीज चाहिए जो वफादारी प्लस कहलाती है। वह प्लस क्या है? वह प्लस योग्यता, समावेशिता, कारण के प्रति प्रतिबद्धता और उस प्लस को सुनने और संवाद करने में सक्षम होने के बारे में है। यही राजनीति होनी चाहिए।’