एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के प्रति लापरवाही बरतने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि बाजारों में घूमने, सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने और मास्क नहीं लगाने वाले बड़ी चूक कर रहे हैं। जो लोग अपने घरों में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और सोचते हैं कि लंबे समय से घर में रह लिए अब कहीं चलते हैं, वे लापरवाही न बरतें।
जो युवा सोच रहे हैं कि उन्हें कोरोना नहीं होगा, उनकी उम्र वालों को बस फ्लू हो रहा है, यह गलत है। जबकि दिल्ली एम्स में वेंटिलेटर पर भर्ती कई युवा मरीज इसके गवाह हैं कि कोरोना संक्रमण किस तरह जानलेवा हो सकता है।डॉ. गुलेरिया का कहना है कि महामारी की शुरुआत में लोगों ने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था, लेकिन उसके बाद लोग लापरवाह हो गए हैं।
ज्यादातर लोगों को लगता है कि संक्रमण उनको और उनके परिवार को नहीं होगा और बाकी किसी को भी हो सकता है। यह विचारधारा पूरी तरह से गलत है। इस वक्त देश के हर व्यक्ति को अपने बचाव पर ध्यान देना चाहिए। दिल्ली और केरल में लोगों की लापरवाही हुई तो आज वहां स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा, देश की राजधानी दिल्ली में अभी कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई है। यह दूसरी लहर का असर है जो अब रोजाना साढ़े पांच हजार से ज्यादा संक्रमित मरीजों के रूप में देखने को मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सहित कई शहरों में इस समय प्रदूषण भी एक समस्या बना हुआ है। अब तक के चिकित्सीय अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कोरोना के वायरस पीएम-2.5 कणों के साथ मिल जाते हैं। ऐसे में लोगों को न सिर्फ प्रदूषण, बल्कि पीएम-2.5 कणों से भी बचाव करना चाहिए। दोनों ही बचाव में उपाय सिर्फ यही है, चेहरे पर मास्क लगाना।